समाचारपत्र, सभी प्रकाशकों और टीवी चैनलों के लिए अधिक अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने चार परिवर्तनकारी पोर्टल लॉन्च
प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से प्रकाशक अब एकल ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे - कड़े प्रावधानों के स्थान पर गैर अपराधीकरण के प्रावधान है - एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया
गोंदिया- वैश्विक स्तरपर जिस तेजी से भारत अपने मिशन 2047 पूर्ण विकसित भारत की ओर तेजी से बढ़ रहा है उसके लिए यह जरूरी है कि उसे अनुकूल अपने आधुनिक व्यवहारिक कानून नियमों विनियमों को परिवर्तन, संशोधित कर दिया जाए ताकि वह प्रथाओं, गैर जरूरी बंधनों, छोटी छोटी गलती पर अपराधिक प्रावधानों को समाप्त कर नई दिशा में नया कदम बढ़ातेजाएं। अब इसी कड़ी में प्रेस पुस्तक पंजीकरण अधिनियम 1867 के बदले दिसंबर 2023 को राष्ट्रपति द्वारा हस्ताक्षर से कानून बना।
जबकि इसके पूर्व पंजीकरण में अलग अलग आठ चरण शामिल थे इस संशोधित कानून को भविष्य में शीघ्र ही अधिसूचित किए जाने की संभावना है। इसी कड़ी में दिनांक 22 फरवरी 2024 को केंद्रीय सूचना प्रसारण मंत्री ने चार परिवर्तनगामी पोर्टलो को लांच किया गया। केंद्रीय संचार ब्यूरो सरकार की मीडिया और संचार आवश्यकताओं के 360 डिग्री समाधान के लिए केंद्र सरकार द्वारा वित्तपोषित लगभग 1100 ग्राहक मंत्रालयों/विभागोंपीएसयू/संस्थानों के साथ साझेदारी करता है। 7 हज़ार से अधिक प्रकाशक (समाचार पत्र/पत्रिकाएं), लगभग 551 टेलीविजन चैनल, 388 निजी एफएम चैनल और लगभग 360 सामुदायिक रेडियो स्टेशन वर्तमान में सीबीसी के साथ सूचीबद्ध हैं तथा सरकारी निकाय के साथ नियमित व्यापार करते हैं।
चूंकि समाचार पत्र प्रकाशकों और टीवी चैनलों के लिए अधिक अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने देंगे।इसलिए आज हम पीआईबी में उपलब्ध जानकारी के सहयोग से इस आर्टिकल के माध्यम से चर्चा करेंगे,प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से प्रकाशक अब एकल ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे, कड़े प्रावधानों के स्थान पर गैर अपराधी के प्रावधान होंगे।
साथियों बात अगर हम प्रेस सेवा पोर्टल की करें तो, प्रेस रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया (पीआरजीआई पूर्ववर्ती आरएनआई) द्वारा प्रेस और पत्रिकाओं के पंजीकरण अधिनियम, 2023 (पीआरपी अधिनियम, 2023) के तहत विकसित प्रेस सेवा पोर्टल, पूर्ण स्वचालन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इसमें समाचार पत्र पंजीकरण और अन्य संबंधित प्रक्रियाएं जुड़ी हैं। पीआरपी अधिनियम 2023 के तहत डिजाइन किए गए इस पोर्टल का उद्देश्य औपनिवेशिक पीआरबी अधिनियम, 1867 के तहत प्रचलित बोझिल पंजीकरण प्रक्रियाओं को सरल बनाना है।प्रेस सेवा पोर्टल की प्रमुख विशेषताओं में शामिल हैं।
ऑनलाइन आवेदन-प्रकाशक आधार-आधारित ई-हस्ताक्षर का उपयोग करके शीर्षक पंजीकरण के लिए ऑनलाइन आवेदन दाखिल कर सकते हैं।संभाव्यता मीटर-शीर्षक उपलब्धता की संभावना को दर्शाता है। एप्लिकेशन स्थिति की वास्तविक समय में ट्रैकिंग -सहज रूप से डिज़ाइन किए गए डैशबोर्ड के माध्यम से पहुंच योग्य। समर्पित डीएम मॉड्यूल: जिला मजिस्ट्रेटों को एक केंद्रीकृत डैशबोर्ड में प्रकाशकों से प्राप्त आवेदनों को प्रबंधित करने में सक्षम बनाता है।नई वेबसाइट जे पोर्टल के साथ, वेबसाइट प्रासंगिक जानकारी तक आसान पहुंच प्रदान करती है, जिसमें उपयोगकर्ता के अनुकूल बातचीत के लिए एआई आधारित चैटबॉट की सुविधा है।
साथियों बात अगर हम नेवीगेट भारत पोर्टल की करें तो, भारत का राष्ट्रीय वीडियो गेटवे मंत्रालय के न्यू मीडिया विंग द्वारा विकसित नेवीगेट भारत पोर्टल यानी, नेशनल वीडियो गेटवे ऑफ भारत, एक एकीकृत द्विभाषी मंच है, जो सरकार के विकास-संबंधी और नागरिक कल्याणोन्मुख उपायों की संपूर्ण श्रृंखला पर वीडियो होस्ट करता है।नेवीगेट भारत' फिल्टर-आधारित उन्नत खोज विकल्प के साथ विभिन्न सरकारी योजनाओं, पहलों और अभियानों से संबंधित वीडियो को खोजने, स्ट्रीम करने, साझा करने और डाउनलोड करने के लिए एक इंटरैक्टिव यूजर इंटरफेस के साथ एकल मंच प्रदान करके नागरिकों को सशक्त बनाता है।पोर्टल कई स्रोतों से आधिकारिक और विश्वसनीय जानकारी खोजने की दिक्कतों को खत्म करता है, मीडिया और आम जनता के लिए वन-स्टॉप प्लेटफॉर्म प्रदान करता है।
नेवीगेट भारत कतार में खड़े अंतिम व्यक्ति को सरकार की कल्याणकारी योजनाओं और उपायों से जोड़ता है,यह सुनिश्चित करता है कि हमारे देश के भविष्य को आकार देने वाली पहलों को समझने में कोई भी पीछे न रहे, क्योंकि यह एक विकसित भारत बनने की राह पर आगे बढ़ रहा है।नेविगेट भारत पोर्टल की मुख्य विशेषताएं:- मंत्रालयों, क्षेत्रों, योजनाओं, अभियानों के लिए समर्पित पेज नेवीगेट भारत मंत्रालयों, क्षेत्रों, योजनाओं और अभियानों के लिए समर्पित पेज प्रदान करता है। सभी वीडियो के विस्तृत विवरण के साथ, ये पृष्ठ सरकारी पहलों का समग्र दृष्टिकोण प्रदान करते हैं।
- आसान नेविगेशन और खोज उपयोगकर्ताओं के लिए उन वीडियो को ढूंढ़ना आसान है, जिन्हें वे खोजना चाहते हैं- वर्गीकरण एवं टैगिंग श्रेणियां या टैग जो उपयोगकर्ताओं को विषय/कीवर्ड के आधार पर वीडियो खोजने की अनुमति देंगे- निर्बाध वीडियो प्लेबैक और स्ट्रीमिंग वीडियो को निर्बाध रूप से देखने के अनुभव के लिए वीडियो प्लेयर और स्ट्रीमिंग क्षमताएं- डाउनलोड और साझा करने के विकल्प उपयोगकर्ताओं को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के माध्यम से वीडियो डाउनलोड करने और दूसरों के साथ साझा करने की अनुमति दी जाएगी- उन्नत खोज कार्यक्षमताहोम पेज और पोर्टल के प्रत्येक अनुभाग पर फ़िल्टर-आधारित उन्नत खोज कार्यक्षमता।
साथियों बात अगर हम पारदर्शी एम्पैनलमेंट मीडिया योजना और ई-बिलिंग प्रणालीकी करें तो, मीडिया योजना में क्रांतिकारी बदलाव, प्रेस सेवा पोर्टल के अलावा, मंत्रालय केंद्रीय संचार ब्यूरो (सीबीसी) के लिए पारदर्शी एम्पैनलमेंट, मीडिया योजना और ई-बिलिंग प्रणाली की शुरुआत कर रहा है। सीबीसी, मंत्रालयों, विभागों, पीएसयू और स्वायत्त निकायों को व्यापक 360 डिग्री मीडिया और संचार समाधान प्रदान करता है। सीबीसी की नई प्रणाली मीडिया नियोजन प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और दक्षता बढ़ाने के लिए डिज़ाइन की गई है और मीडिया उद्योग को पेपरलेस और फेसलेस वातावरण में व्यवसाय करने के लिए एंड-टू-एंड ईआरपी समाधान प्रदान करती है।
इसकी मुख्य विशेषताओं में निम्नलिखित तथ्य शामिल हैःसुव्यवस्थित एम्पैनलमेंट प्रक्रिया: पारदर्शिता और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए समाचार पत्र, पत्रिकाओं, टीवी, रेडियो और डिजिटल मीडिया के एम्पैनलमेंट के लिए एक ऑनलाइन प्रणाली। स्वचालित मीडिया योजना: न्यूनतम मैन्युअल हस्तक्षेप के साथ मीडिया योजनाओं की ऑनलाइन पीढ़ी के लिए उन्नत उपकरण और सुविधाएं, जिसके परिणामस्वरूप मीडिया योजना तैयार करने में लगने वाले समय में भारी कमी आई है।
स्वचालित बिलिंग: निर्बाध और पारदर्शी बिल जमा करने, सत्यापन और भुगतान के लिए ई-बिलिंग प्रसंस्करण प्रणाली का एकीकरण।मोबाइल ऐप: संगठित निगरानी के लिए हस्तक्षेपरोधी टाइमस्टैम्प और जियो टैगिंग कार्यक्षमता वाले भागीदारों के लिए एक व्यापक मोबाइल ऐप।
विश्वसनीय और बुद्धिपरक समाधान: पोर्टल वास्तविक समय में विश्लेषणात्मक रिपोर्ट बनाने में सहायता करने और संगठन को डेटा-संचालित निर्णय लेने में सक्षम बनाने के लिए नवीनतम तकनीक के साथ एकीकृत है।व्यवसाय सुगमता को बढ़ावा देना: ऑनलाइन पारदर्शी प्रणाली तेजी से सूचीबद्धता, कठिनाई मुक्त व्यापार वातावरण, स्वचालित अनुपालन और तेज भुगतान सुनिश्चित करती है, जिससे व्यवसाय सुगमता में उल्लेखनीय वृद्धि होती है।त्वरित समस्या समाधान के लिए समर्पित आईवीआर हेल्पडेस्क: सीबीसी ने ग्राहकों और भागीदारों के लिए त्वरित पूछताछ और समस्या समाधान सेवाएं प्रदान करने के लिए समर्पित हेल्पलाइन नंबरों के साथ सीबीसी में तैनात एक समर्पित आईवीआर सहायता टीम की स्थापना की है।
साथियों बात अगर हम प्रेस और आवधिक पंजीकरण अधिनियम पीआरपी 2023 की करें तो, पत्रिकाओं के लिए पंजीकरण प्रक्रिया में क्रांतिकारी बदलाव लाता है, भौतिक प्रस्तुतीकरण की आवश्यकता के बिना शीर्षक आवंटन और पंजीकरण के लिए एक सहज ऑनलाइन प्रणाली की शुरुआत करता है। यह कुशल दृष्टिकोण, विशेष रूप से छोटे और मध्यम प्रकाशकों के लिए फायदेमंद, जिला मजिस्ट्रेटों के साथ कई घोषणाएं जमा करने के लिए आवश्यकता को समाप्त करता है।
इसके बजाय, प्रकाशक अब प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से एक एकल ऑनलाइन आवेदन जमा करेंगे, जिससे पूरी प्रक्रिया सुव्यवस्थित हो जाएगी। इसमें पहले आठ चरण शामिल थे। विशेष रूप से, 2023 अधिनियम प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 के कड़े प्रावधानों की तुलना में गैर-अपराधीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण बदलाव का भी प्रतीक है।
इन परिवर्तनों का सामूहिक उद्देश्य पंजीकरण परिदृश्य को आधुनिक और सरल बनाना है, जिससे तीव्रता और कुशलता के लिए अनुकूल वातावरण को बढ़ावा मिलता है। इससे प्रकाशनों की शुरूआत और संचालन में सुविधा होगी।पीआरपी अधिनियम को दिसंबर 2023 में राष्ट्रपति की मंजूरी मिल गई है और निकट भविष्य में इसे अधिसूचित किए जाने की संभावना है। यह अधिनियम मौजूदा पआरबी अधिनियम 1867 का स्थान लेगा।
अधिनियम के तहत भारत के समाचार पत्रों के रजिस्ट्रार कार्यालय को भारत के प्रेस रजिस्ट्रार जनरल के कार्यालय द्वारा प्रतिस्थापित किया जाएगा।अतः अगर हम उपरोक्त पुरे विवरण का अध्ययन कर इसका विश्लेषण करें तो हम पाएंगे कि भारत में मीडिया परिदृश्य में क्रांति लाने चार परिवर्तनगामी पोर्टल लॉन्च।समाचार पत्र प्रकाशकों और टीवी चैनलों के लिए अधिक अनुकूल कारोबारी माहौल को बढ़ावा देने चार परिवर्तनकारी पोर्टल लॉन्च।प्रेस सेवा पोर्टल के माध्यम से प्रकाशक अब एकल ऑनलाइन आवेदन जमा कर सकेंगे - कड़े प्रावधानों के स्थान पर गैर अपराधीकरण की के प्रावधान है।
-संकलनकर्ता लेखक- कर विशेषज्ञ स्तंभकार एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र