जून में होने वाले विश्वकप से पहले सारी निगाहें आईपीएल पर हैं, लेकिन लीग का कार्यक्रम अब तक जारी नहीं हुुआ है। आईपीएल की संचालन परिषद के चेयरमैन अरुण सिंह धूमल ने खुलासा किया है कि इस बार लीग का कार्यक्रम एक साथ नहीं बल्कि चरणों में जारी किया जाएगा। ऐसा लीग और आम चुनाव के आपस में टकराने के चलते हो रहा है। लीग को दो माह के अंदर कराना है। इसका आयोजन 21 या 22 मार्च से 25 या 26 मई तक संभव है।
धूमल बताते हैं कि आईपीएल और महिला प्रीमियर लीग (डब्ल्यूपीएल) की तैयारियों पर काम चल रहा है। डब्ल्यूपीएल फरवरी के मध्य से 10 मार्च तक और आईपीएल 21, 22 मार्च से शुरू कर 25, 26 मई तक खत्म करने की योजना है। टी-20 विश्वकप जून में अमेरिका और वेस्टइंडीज में शुरू होने जा रहा है। भारत का मैच चार जून को है। कोशिश यह रहेगी कि हम इससे एक सप्ताह पहले आईपीएल को खत्म कर लें। इस बार की चुनौती यह है कि देश में आम चुनाव हैं। ऐसे में पूरे आईपीएल का कार्यक्रम एक साथ जारी करना संभव नहीं होगा। चुनाव की तिथियां घोषित होने के बाद कई चीजें निर्भर करेंगी।
धूमल ने कहा कि हमारी टीम केंद्र सरकार और चुनाव आयोग से लगातार बात कर रही है। उसी के अनुसार हम काम कर रहे हैं। मार्च से अप्रैल के बीच पहले चरण की घोषणा हम जल्द करेंगे। उसके बाद चुनाव की तिथियां घोषित होने की उम्मीद है। तब हम बाकी राज्यों में किस तरह लीग करानी है, उसे निर्धारित करेंगे। आईपीएल की ओपनिंग और क्लोसिंग सेरेमनी भी कराई जाएगी। इस पर भी काम चल रहा है।
हम लीग को विदेश में नहीं ले जाने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार भी यही चाहती है, लीग देश में हो। हम सरकार के समन्वय से इसे यहीं कराने की कोशिश करेंगे। हमारी टीम लीग के आयोजन को ली जानी वाली मंजूरी के लिए गृह मंत्रालय, राज्य सरकारों से बात कर रही है। उनके दिशानिर्देशों के अनुसार हम आगे का कार्यक्रम तय करेंगे।
धूमल कहते हैं कि लीग के डबल हेडर (एक दिन में दो मैच) की संख्या बढऩे की उम्मीद है। यह देखना होगा कि कौन से राज्य में कब चुनाव होने हैं। अगर किसी राज्य में चुनाव के चलते लीग के मैचों में अंतर देना पड़ा तो डबल हेडर की संख्या बढ़ सकती है। हमारी कोशिश यही रहेगी कि पहले जितने डबल हेडर होते थे उतने ही हों।
डब्ल्यूपीएल पिछली बार मुंबई में हुई थी, लेकिन इस बार फ्रेंचाइजी और प्रशंसकों को ध्यान में रखते हुए इसे दो शहरों बंगलूरू और दिल्ली में कराने की कोशिश हो रही है। महिला प्रीमियर लीग हमने पिछले वर्ष शुरू की थी, लेकिन जिस तरह का प्रशंसकों और फ्रेंचाइजी की ओर से लीग को लेकर प्रतिक्रिया आई है, उससे यह दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी महिला लीग बन गई है।
यह बड़े गौरव की बात है। पिछला डब्ल्यूपीएल का फाइनल लग ही नहीं रहा था कि यह पुरुषों का फाइनल है या महिलाओं का। दुनिया के दूसरे क्रिकेट बोर्ड के क्रिकेटर भी इससे जुडऩा चाहते हैं। यह बड़ी बात है। इस लीग के बाद हमारी राज्यों की अकादमी में एकदम से महिला क्रिकेट की मांग बढ़ गई है। वहां बड़ी संख्या में बेटियां क्रिकेट को अपनाने आ रही हैं। माता-पिता बड़ी संख्या में अपनी बेटियों को लेकर अकादमी में आ रहे हैं।