राम से बड़ा राम का नाम।
नयन में बसे अयोध्या धाम।।
घर-घर पाती जाय रही है,
सबै अयोध्या भाय रही है,
हर्षित हैं सब नर औ नारी,
महक रही घर की फुलवारी,
आज सब छोड़ो अपने काम।
राम से बड़ा राम का नाम।।
प्रकृति सारी झूम रही है,
हवा गगन को चूम रही है,
संस्कारों से पूर्ण देश है,
राम लला का गृहप्रवेश है,
यहां विराजे हैं चारों धाम।
राम से बड़ा राम का नाम।।
राम लला कैसे?सजे हैं,
सब संगीत मधुर बजे हैं,
विष्णु के अवतार पधारे,
आत्मा एक रूप हैं न्यारे,
देखें राधा-कृष्ण बलराम।
राम से बड़ा राम का नाम।।
पूरा विश्व हुआ है राम मय,
जन जन यहां हुआ है निर्भय,
जाति धर्म सब भूल रहे हैं,
राम नाम पर फूल रहे हैं,
राम तो सबके हैं सरनाम।
राम से बड़ा राम का नाम।।
नयन में बसे अयोध्या धाम।
राम से बड़ा राम का नाम।।
वरिष्ठ साहित्यकार ----
डॉ. अनीता चौधरी (मथुरा से)