अवधपुरी के हर कण कण में गज़ब का है उल्लास, यही है रामराज आगाज़।----
यह धर्म का उत्थान काल है।
गर्व से उन्मत्त भाल है।।
22जनवरी 24का दिन होगया है खास , यही है रामराज आगाज़।।---
आस्तिकता का उद्भव है यह।
राम भक्ति का उत्सव है यह।।
सुबह की लाली शाम सुहानी सुंदर सुखद प्रभात यही है रामराज आगाज़।।---
सरस अर्ज़ ना गफलत पालो।
प्रभु राम को हृदय बिठा लो।।
राम भक्ति का अनन्य उपासक कहता संत समाज यही है रामराज आगाज़।।--
भ्रातृत्व भाव से लोग रहेंगे।
सब जन सुखी निरोग रहेंगे।।
यही सनातन धर्म हमारा यही अटल विश्वास यही है रामराज आगाज़।।---
गौरीशंकर पाण्डेय सरस