कण –कण में देखो ,
भगवान श्री राम समाए हैं,
सबके मन देखो,
दर्शन के लिए ललचाए हैं,
बहुत वर्षों बाद देखो ,
आई है आज शुभ घड़ी,
देखो देखो अयोध्या में ,
आज फिर मेरे राम आए हैं।
गली गली सजी है,
आज फूलों से,
महक उठा है,
चमन चमन,
दूर-दूर से दर्शन करने,
श्री राम लला के,
देखो आज ,
हम भी अयोध्या आए हैं।
जन-जन के मन में ,
राम बसते आए हैं,
सबके बिगड़े कामों को,
श्री राम बनाते आए हैं,
धन्य हो गया आज हर ,
एक जनमानस,
देखो देखो अयोध्या में ,
आज फिर मेरे राम आए हैं।
दुल्हन जैसे सज गई है,
आज अयोध्या नगरी,
खुशियों से भरी हुई जैसे,
छलक गई है गगरी,
रोम रोम पुलकित ,
हो उठा है आज,
देखो देखो अयोध्या में ,
आज फिर मेरे राम आए हैं
स्वरचित एवम मौलिक रचना
डॉक्टर जय महलवाल
#ई –०१, प्रोफेसर कॉलोनी
राजकीय महाविद्यालय बिलासपुर
बिलासपुर हिमाचल प्रदेश –१७४००१
संपर्क ७०१८३८६४६१