शुद्ध भावों के साथ गुरूदेव की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है -साध्वी विधुत्प्रभाश्री
कुशल वाटिका में प्रथम दिन श्री दादा गुरूदेव महापूजन सम्पन्न
कुशल वाटिका प्रेरिका बहन म.सा. डॉ.विधुत्प्रभाश्री की निश्रा में हो रहा भव्य कार्यक्रम
कुशल वाटिका में आज निकलेगा परमात्मा पार्श्वनाथ भगवान का भव्य वरघोड़ा
वर्धमान शक्रस्तय परमात्मा का भव्य अभिषेक व रात्रि में भक्ति भावना कार्यक्रम आज
बाड़मेर । स्थानीय कुशल वाटिका प्रांगण में परमात्मा पार्श्वनाथ भगवान के जन्म व दीक्षा कल्याणक के उपलक्ष में त्रिदिवसीय तेले के भव्य आयोजन के प्रथम दिन शुक्रवार को 250 आराधकों के साथ शांति स्नात्र पूजा, केशर पूजा व दिन में दादा गुरूदेव के महापूजन का आयोजन हुआ।
कुशल वाटिका ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा व कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा ने बताया कि कुशल वाटिका में अठठम तप तेले के भव्य आयोजन के प्रथम दिन कुशल वाटिका प्रेरिका बहन म.सा. साध्वी डॉ. विधुत्प्रभा श्रीजी म.सा. की प्रेरणा से व माताजी म.सा. रतनमाला श्रीजी म.सा. आदि ठाणा-14 की पावन निश्रा में त्रिदिवसीय महोत्सव के लाभार्थी पारसमल आसुलाल विरधीचन्द धारीवाल परिवार रामजीगोल द्वारा श्री कुशल वाटिका तीर्थ के पवित्र प्रांगण में परमात्मा पार्श्वनाथ भगवान के जन्म एवं दीक्षा कल्याणक के उपलक्ष में 250 आराधकों के साथ त्रि दिवसीय अठठम तप के भव्य आयोजन का श्रीगणेश शुक्रवार को हुआ।
महोत्सव के लाभार्थी पारसमल धारीवाल ने बताया कि त्रिदिवसीय कार्यक्रम के दौरान प्रथम दिन शुक्रवार को प्रातः में 09.00 बजे गुरूवर्याश्री बहन म.सा. का प्रवचन हुआ और मुख्य मन्दिर में शांति स्नात्र पूजा व केशर पूजा का आयोजन हुआ। इसके पश्चात दोपहर में 12.39़ बजे मन्दिर प्रांगण में बहन म.सा. की निश्रा में गुरूजी प्रकाश भाई सांचोर द्वारा मंत्रोच्चार के साथ दादा गुरूदेव का महापूजन करवाया गया, महापूजन में मुख्य पीठिका में मुख्य लाभार्थी आसुलाल विरधीचन्द धारीवाल परिवार द्वारा विधिविधान किया गया।
शुक्रवार को महापूजन में सम्बोधित करते हुए बहन म.सा. डॉ. विधुत्प्रभाश्री ने कहा कि इस भूमि का अद्भुत प्रभाव है। उन्होंने कहा कि यह स्थान जिन मन्दिर, दादावाड़ी, नवग्रह मन्दिर, देवी-देवताओं के मन्दिर के साथ कई साधु संतों की आराधना भूमि है। इस भूमि पर कुशल गुरुदेव प्रत्यक्ष है और आज भी प्रकट प्रभावी है। शुद्ध भावों के साथ गुरू की आराधना करने से मनोकामना पूर्ण होती है। गुरुदेव के प्रति आस्था का प्रभाव है कि गुरूदेव ने लाखों लोगो को जैन बना दिया था।
आज के युग में भी अजमेर, महरौली, मालपुरा, ब्रह्मसर, बिलाड़ा जैसी धरती पर मेले पर हजारों की संख्या में पुरे भारतभर से गुरूभक्त पहुंचते है। कुशल वाटिका ट्रस्ट के प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़ ने बताया कि महापूजन में दादावाड़ी प्रांगण में चारोे दादा गुरूदेव की प्रतिमा के समक्ष विभिन्न मंत्रोच्चार के माध्यम से आह्वान किया गया तथा जल, चंदन, पुष्प, धूप, दीप, अक्षत, नैवेद्य, फल आदि के माध्यम से पूजन किया गया और शान्ति स्नात्र पूजन किया गया।
कुशल वाटिका परिसर में महापूजन को लेकर फलो, अनाज, आदि से मांडणा बनाया गया। दादावाडी प्रांगण में दादा जिनदतसूरी गुरूदेव, दादा जिनचन्द्रसूरी मणिधारी दादा, दादा जिनकुशलसूरी गुरूदेव व दादा जिनचन्द्रसूरी गुरूदेव की प्रतिमाओं के आगे गुरु के नव अंगों की केशर से पूजा की गई व गुरु के चरणों मे अष्ट प्रकारी महापूजन का आयोजन किया गया। महापूजन में संगीतकार व विधिकारक गुरूजी प्रकाश भाई सांचोर व केएमपी महिलाओं द्वारा प्रस्तुत भजन पलके ही पलके बिछाएंगे जिस दिन प्यारे दादा घर आएंगे, गुरूवर तेरे चरणों की थोडी धूल जो मिल जाये एवं पूजन का है दिन दादा आज थाने आणो है।
भजन पर भक्त जमकर झुमे। महापूजन के बाद महाआरती का आयोजन किया गया। महापूजन के कार्यक्रम में श्री जिन कुशलसूरी सेवाश्रम ट्रस्ट, कुशल वाटिका, केयुप, केएमपी, केबीपी सहित जैन बन्धुओं ने सेवाएं प्रदान की। महोत्सव के प्रथम दिन कुशल वाटिका उपाध्यक्ष रतनलाल संखलेचा, कोषाध्यक्ष बाबुलाल टी बोथरा, प्रचारमंत्री केवलचन्द छाजेड़, ट्रस्टी पारसमल धारीवाल रामजीगोल, सम्पतराज मेहता, कैलाश धारीवाल, सुश्रावक डॉ. रणजीतमल जैन, केएमपी अध्यक्षा सरिता जैन, रमेश कानासर, राणामल धारीवाल, मूलचन्द बोथरा, नीलम जैन, कविता सर्राफ, संकुतला संखलेचा सहित कई जैन बन्धु उपस्थित रहे।
आज शनिवार को कुशल वाटिका में मेले का आयोजन होगा और कार्यक्रम के दूसरे दिन प्रातः में 08.00 मूलनायक भगवान मुनिसुव्रत स्वामी का गिरनार भक्त मण्डल द्वारा पक्षाल का कार्यक्रम, 09.00 बजे गुरूवर्या श्री का प्रवचन, 11.00 बजे परमात्मा पार्श्वनाथ भगवान का वरघोड़ा, दोपहर में वर्धमान शक्रस्तय परमात्मा का भव्य अभिषेक व रात्रि में भक्ति भावना का कार्यक्रम आयोजित होगा।