क्यों लौट आती हैं चिड़ियां
वापस घोंसलों में,,
क्यों लौट आते हैं बीज झरकर भी
वापस फूलों में,,
क्यों लौट आतीं हैं खुशहाल बारिशें
वापस अपने बादलों मे,,
क्यों लौट आते हैं हम-तुम भी
वापस नये जन्म में,,
और,, क्यों कोई लिखता है 'कविता'
अपनी डायरी में,,
कुछ सुना तुमने
ये सब प्रेम के ही तो रंग हैं,,है न !!
नमिता गुप्ता "मनसी"
मेरठ ,उत्तर प्रदेश