आजमगढ़। यूपी अल्पसंख्यक कांग्रेस के आह्वान पर जिला/शहर कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग आजमगढ़ के जिलाध्यक्ष नदीम खान के नेतृत्व में विदेश मंत्री को संबोधित पत्रक जिला प्रशासन को सौंपा गया। जिसमे फिलिस्तीन और इज़राइल के बीच युद्धविराम हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ में वोटिंग के समय मोदी सरकार की गैरहाजिरी पर अपनी आपत्ति दर्ज कराई गई।
शहर अध्यक्ष मिर्जा बरकतउल्लाह बेग ने कहाकि गाज़ा में युद्धविराम हेतु संयुक्त राष्ट्र संघ में जॉर्डन द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर वोटिंग के समय मोदी सरकार का अनुपस्थित हो जाना शांति और अहिंसा पर आधारित भारतीय मूल्यों के विपरीत है। इससे हमारी अपनी उपनिवेशवाद विरोधी परंपरा भी कलंकित हुई है। जबकि भारत को छोड़कर सारे के सारे सार्क देशों ने फिलिस्तीन में नरसंहार के खिलाफ और शांति बहाली के लिए यूएनजीए में वोट दिया है।
इससे पहले भी भाजपा सरकार ने 2014 में गाजा संकट के दौरान इजराइल के युद्ध अपराधों के लिए उस पर अंतरराष्ट्रीय अपराध न्यायालय में मुकदमा चलाने के लिए 2016 में संयुक्त राष्ट्र में वोटिंग से भारत ने खुद को बाहर रखा। मोदी सरकार की यह विदेश नीति उनकी दूरदर्शिता पर सवाल खड़ा कर रहा है।
अनुसूचित विभाग के जिलाध्यक्ष कन्हैया राव ने कहाकि भारत ने इजराइल की स्थापना के बाद संयुक्त राष्ट्र महासभा में उसे शामिल करने के खिलाफ भी मतदान किया था। भारत ने सदैव फिलिस्तीन मुद्दे पर नर्म रुख रखा, क्योंकि दोनों के बीच का संबंध साम्राज्यवाद विरोधी भावना पर आधारित है। भाजपा सरकार की यह विदेश नीति देश के चेहरे को भारतीय संविधान से इतर खड़ा कर रही है।
वहीं कांग्रेस शहर अध्यक्ष नज्म शमीम ने कहाकि हमारी मांग है कि परम्परागत विदेश नीति के अनुसार भारत सरकार फिलिस्तीन में युद्धविराम में सक्रिय भूमिका का निर्वाह करे। विचारधारा और राजनीति के स्तर पर भारत के लिए फिलिस्तीन का समर्थन करना जरूरी है जो कि न्यायोचित भी है।
इस अवसर पर कौशल कुमार सिंह, मो आमिर, मुन्नु मौर्या, रियाजुल हसन, डॉ. मोउज्जम, निरूल हक, असफाक अंसारी, एडवोकेट, मो असलम, अबु सहमा सहरिया, नीलू, मो अफजल, मंतराज यादव, अबीबुल रहमान, मो हासिम मुबारकपुर, शफीउज्जमां आदि मौजूद रहे।