नयी दिल्ली : भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) ने कागजी रूप में प्रतिभूतियों को रखने वालों के लिए नियमों को सुगम बनाया है। इसके तहत पैन, केवाईसी (अपने ग्राहक को जाने) विवरण और ‘नॉमिनेशन के बिना प्रतिभूतियों पर रोक लगाने की जरूरत के प्रावधान को खत्म करने का फैसला किया गया है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) ने शुक्रवार को एक परिपत्र में कहा कि इस पहल का मकसद नियम को सरल बनाना है। यह कदम तत्काल प्रभाव से लागू होगा।
रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया और निवेशकों से सुझाव मिलने के बाद यह फैसला किया गया है। नियम के तहत सूचीबद्ध कंपनियों में भौतिक रूप से यानी कागजी रूप में प्रतिभूतियां रखने वाले सभी के लिये पैन, ‘नॉमिनेशन, संपर्क ब्योरा, बैंक खाता विवरण और संबंधित ‘फोलियो नंबर के लिये नमूना हस्ताक्षर देना अनिवार्य था।
सेबी ने मई में कहा था कि जिन ‘फोलियो में ऐसे दस्तावेजों में से कोई भी एक अक्टूबर, 2023 को या उसके बाद उपलब्ध नहीं होगा, उन पर निर्गम पंजीयक और ‘शेयर ट्रांसफर एजेंटों (आरटीए) को रोक लगाना आवश्यक है। नियामक ने मई में जारी परिपत्र में संशोधन करते हुए सेबी ने कहा कि ‘रोक (‘फ्रीज) शब्द हटा दिया गया है।
सेबी ने कहा, ‘‘रजिस्ट्रार एसोसिएशन ऑफ इंडिया से प्राप्त प्रतिवेदन, निवेशकों से मिले सुझाव के आधार पर और बेनामी लेनदेन (निषेध) अधिनियम, 1988 और या धन शोधन रोधक अधिनियम के तहत शेयर पर रोक लगाने और उससे जुड़ी...प्रशासनिक चुनौतियों को कम करने के लिये उपरोक्त प्रावधान को खत्म करने का निर्णय लिया गया है।