दुख उसको सताता है जो दुख को गाता है
दुख से दोस्ती कर लो तो ये कम हो जाता है
दुख को याद करते रहने से फायदा भी क्या है
दुख पकड़े रखो तो ये गला अपना दबाता है
मन के गुलाम लोग दुख के कैदी हो जाते हैं
मन की इच्छा पूरी न हुई तो दुख घिर आता है
धीरज भी जरूरी है, इंतजार भी करना चहिए
दिल मजबूत रखो तो फिर दुख भी घबराता है
दुख पास आने लगे तो उसे दुत्कार दो नहीं तो
दुखी आदमी देखके दुख और असर दिखाता है
मन को व्यस्त रखो, दिल का दरवाजा बंद रखो
दुख को आने मत दो अंदर गर ये खटखटाता है
अवतार सिंह अक्षरजीवी
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