नयी दिल्ली : केंद्र सरकार ने तेल कंपनियों को बड़ी राहत दी है। कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स घटाकर 6,700 रुपए प्रति टन कर दिया है। यह नई कीमत आज यानी 2 सितंबर से लागू होगी। पहले 14 अगस्त को सरकार ने घरेलू कच्चे पेट्रोलियम पर विंडफॉल टैक्स 7,100 रुपए प्रति टन तय किया था। सरकार की ओर से जारी की गई अधिसूचना के अनुसार, केंद्र सरकार ने डीजल के निर्यात पर टैक्स 5.50 रुपए प्रति लीटर से बढ़ाकर 6 रुपए प्रति लीटर कर दिया है।
वहीं जेट फ्यूल या एटीएफ पर शुल्क में दोगुना बढ़ोतरी होगी, जो अब 2 रुपए से बढ़कर 4 रुपए हो जाएगा। सरकार ने कहा है कि पेट्रोल पर शुल्क अभी शून्य रहेगा। सरकार ने पहली बार 1 जुलाई, 2022 से कच्चे तेल के उत्पादन और पेट्रोलियम उत्पादों के निर्यात पर एसईएडी लगाया था। इस शुल्क से सरकार की कमाई वित्त वर्ष 2023 में लगभग 40,000 करोड़ रुपए होने का अनुमान है।
भारत में जमीन और समुद्र तल के नीचे से निकाले गए कच्चे तेल को रिफाइन किया जाता है और पेट्रोल-डीजल और विमानन टरबाइन ईंधन जैसे फ्यूल में बदला जाता है। इसके बाद सरकार इसका निर्यात अन्य देशों में भी करती है। इस निर्यात पर सरकार कुछ शुल्क लगाती है, जिसे विंडफॉल टैक्स के रूप में जाना जाता है।
भारत ने पहली बार पिछले साल 1 जुलाई को विंडफॉल टैक्स लगाया था और यह उन देशों की लिस्ट में शामिल हो गया, जो ऊर्जा कंपनियों के मुनाफे पर टैक्स लगाती हैं। उस समय, पेट्रोल और एटीएफ पर 6 रुपए प्रति लीटर (12 डॉलर प्रति बैरल) और डीजल पर 13 रुपए प्रति लीटर (26 डॉलर प्रति बैरल) का निर्यात शुल्क लगाया गया था।