उलझना छोड़ दो।

अगर सुलझना है तो उलझना छोड़ दो। 

वहीं हैं रास्ते बस भटकना छोड़ दो। 

हैं मुसाफ़िर तो मंजिलें आयेगी जरूर। 

बेबात बेवजह बेसबब तड़पना छोड़ दो। 

बेहिसाब मुश्क़िलों का बस एक रास्ता। 

दूसरों के मौके को बस लपकना छोड़ दो। 

जीवन में जीवन का यही  है फलसफ़ा । 

अगर सुलझना है तो उलझना छोड़ दो। 


ममता राजपूत 

बिलासपुर छत्तीसगढ़