बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बनाने के लिए 3,760 करोड़ रुपए को मंजूरी, कैबिनेट की बैठक में फैसला

नयी दिल्ली : सरकार ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणाली बनाने के लिए 3,760 करोड़ रुपए की व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण को मंजूरी दी है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को इसकी जानकारी दी। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि आज केंद्रीय कैबिनेट ने बैटरी ऊर्जा भंडारण प्रणालियों के विकास के लिए व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण के लिए एक योजना को मंजूरी दी है। 

इस योजना में 2030-31 तक 4,000 मेगावाट की बीईएसएस परियोजनाओं के विकास की परिकल्पना की गई है, जिसमें बजटीय सहायता के रूप में पूंजीगत लागत का 40% तक वित्तीय सहायता के रूप में दी जाएगी। उन्होंने कहा कि यह कोष वर्ष 2030-31 तक पांच किस्तों में जारी किया जाएगा। इससे 4,000 मेगावाट घंटे का ऊर्जा भंडार तैयार करने में मदद मिलेगी। 

ठाकुर ने कहा कि व्यवहार्यता अंतर वित्तपोषण से 9,500 करोड़ रुपए का निवेश होने की उम्मीद है। भारत ने अगले कुछ वर्षों में अपनी आधी ऊर्जा जरूरतों को नवीकरणीय ऊर्जा और गैर-जीवाश्म ऊर्जा स्रोतों के माध्यम से पूरा करने का लक्ष्य रखा है। भंडारण प्रणाली की स्थापना इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा, मंत्रिमंडल ने हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के लिए औद्योगिक विकास योजना, 2017 के तहत अतिरिक्त निधि की आवश्यकता के रूप में 1164.53 करोड़ रुपए को मंजूरी दी है।