आइए नमन करे उन जांबाज अमर शहीदों को जिसने भारत माता के चरणों को अपने पावन खून से अभिषेक किया।उनकी गौरव गाथा को आइए याद करे, जिन्होंने भारत माता के आन- बान-शान और सम्मान के लिए आजादी की वेदी पर अपना सर्वस्व समर्पित कर दिया। उनका बलिदान,उनका योगदान,यूँ ही ब्यर्थ न जाए इसका हमे भान रहे,ध्यान रहे।
हमारे स्वतंत्रता सेनानियों ने कैसे अपना सर्वस्व समर्पित कर आजादी के आंदोलन में भाग लिया,कैसे आभावों में रहकर,पीड़ा सहकर अपने कर्तव्यों का पालन करते हुए भारत माता के चरणों मे अपने प्राणों की बलि चढ़ा दी।आइए हम शपथ ले कि हम भारत माता के चरणों मे श्रद्धा के फूल समर्पित करते हुए हमारे स्वतंत्रता सेनानियों को उनके योगदान पर धन्यवाद,आभार प्रदर्शन करें, उनके पद चिन्हों में पर चल कर उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करें।और अपने देश की मान मर्यादा,स्वाभिमान
अस्मिता को बनाये रखने के लिए सतत प्रयास करें।और सतत यह संकल्प लेते रहें-
"मेरे देश के महान शहीदों
तेरे खून का एक-एक कतरा,
हम यूँ ही व्यर्थ न जाने देंगे
तेरा हम पर उपकार है।
यह सतत संकल्प लेते रहेंगे।
इस मिट्टी के हम ऋणि हैं,
तेरे खून से लाखों सेनानी पैदा होंगे।
और अपनी जान देकर चुकाएंगे
हम अपना कर्तव्य निभाएंगे।
तेरा मस्तक ऊंचा उठाएंगे।
देश के अमर शहिदों के प्रति हमारे मन में यदि सच्ची आस्था है तो उनके त्याग ,बलिदान को हमें सतत याद करना होगा।जिनके योगदान से हमें आजादी मिली। आइए हम उनको नमन करें। साथ ही साथ बापू जी के सपने राम राज्य,नेहरू जी के सिद्धांत पंचशील,सुभाष चन्द्र बोस की सैन्य शक्ति की सशक्तता,सरदार पटेल की दृढ़-समृद्ध भारत, आत्मनिर्भर भारत,और बलिदानियों की सोंच व अपनी धरती, अपना आसमान के सपनो को साकार करने में अपना योगदान दें।
इसके अलावा हमारे देश में रामराज्य के सपने, प्राचीन भारत की संस्कृति,सभ्यता,और धर्म के प्रति आस्था,विस्वास,को जगाएं।जहाँ पर हमारा समाज भय- भूख,गरीबी,अराजकता,असमानता,भ्र्ष्टाचार से मुक्त हो,सबको समान अधिकार मिले,सबको उचित न्याय मिले,संसाधनों का उचित समान लाभ मिले। शासन की योजनाओं का आम जन मानस को उचित लाभ मिले।तभी हमारे अमर शहीदों की आत्माओं को शान्ति मिलेगी,और आजादी का हम सही उत्सव मना पाएंगे।और यह आजादी का पर्व सार्थक हो पायेगा।
अशोक पटेल "आशु"
तुस्मा,शिवरीनारायन(छ ग)