जय -जय -जयगान हमारा

अंतरिक्ष पर  लहरा  परचम,विश्व  मंच जय-  जय  कारा |

जन गण मन अधिनायक जय हे, जय -जय जयगान हमारा ||

देख  पराक्रम विक्रम  का अब, गाते  सब  गौरव गाथा |

भारत की इस पूज्य  धरा पर,टिकता  है  सबका माथा ||

चंद्र यान  जब शशि पर उतरा,हुआ अचंभित जग सारा |

जन गण मन अधिनायक जय हे, जय -जय जयगान हमारा ||

इसरो  को  दे  आज  बधाई,पहनों  खुशियों  की  माला |

असफलता की कुंजी लेकर, खुला सफलता का  ताला ||

श्रम साहस  तप त्याग  तपस्या, तब  फहरा झंडा  प्यारा |

जन गण मन अधिनायक जय हे, जय -जय जयगान हमारा ||

विक्रम चेतक  धावक  बनकर,ध्वज चाँद  पर  लहराता |

विश्व  निहारे  नैन  पसारे ,जन- जन है  अब  यश गाता ||

कहती  स्वप्निल  हर्षित  सारे, जीत  लिया  है जग सारा |

जन गण मन अधिनायक जय हे, यह है जयगान हमारा ||

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कवयित्री

कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "

लखनऊ

उत्तरप्रदेश