जैन बंधुओ ने मिच्छामी दुकड्डम कर मांगी क्षमा
बाडमेर : स्थानीय मोक्ष मार्ग पर स्थित जैन विधापीठ मन्दिर में पर्वाधिराज पर्युषण महापर्व के समापन के अंतिम नवें दिन सोमवार को भव्य आंगी रचाई गई व पर्युषण महापर्व का हुआ समापन, जैन बन्धुओं ने आपस में मिच्छामी दुकड्डम कर मांगी क्षमा । प्रभु भक्त महावीर संखलेचा ने बताया कि जैन विधापीठ मन्दिर में पर्युषण पर्व के समापन के नवे दिन विमलनाथ भगवान व अन्य प्रतिमाओं की भव्य आंगी सजाई गई और रात्रि में आरती की गई ओर मंदिर परिसर को रंगीन दिवो से सजाया गया।
मन्दिर में पर्युषण में परमात्मा के हर रोज़ पक्षाल, केशर पूजा, व फूलों व लाइटिंग से सजाया गया था। पर्युषण पर्व के नवे दिन सभी जैन बंधुओ ने आराधना भवन, साधना भवन में पंखी प्रतिकमण किया गया ओर इसके बाद साल भर में किनसे बोलचाल की मिच्छामी दुकड्डम कर क्षमा याचना कर माफी मांगी गई। आज होंगें उपवास के तपस्वियों के पारणें।
सोमवार को बाड़मेर शहर के जैन कुशल वाटिका, विधापीठ मन्दिर, वर्धमान मन्दिर जूना किराडू मार्ग, महावीर वाटिका, हालावाला मन्दिर, ढाणी जैन मन्दिर, विघ्नहरा पार्श्वनाथ जिनालय, कल्याणपुरा पार्श्वनाथ मन्दिर, चन्दाप्रभु मन्दिर, सम्भवनाथ मन्दिर व दादावाड़ी लीलरिया धोरा, संभवनाथ मन्दिर डोला डूंगरी, साधना भवन, आराधना भवन, शांतिनाथ जिनालय, महावीर जिनालय, चिंतामणि पार्श्वनाथ मन्दिर, दादावाड़ी, गोपा मन्दिर, गोड़ी पार्श्वनाथ जिनालय खागल मोहला सहित जैन मन्दिरों में नौ दिन भव्य आंगी रचाई गई और भक्ति भावना का कार्यक्रम हुआ।