लहराता है आज तिरंगा भारत देश के भाल पर,
शहीदों की अमरगाथा,शौर्यगान की ताल पर।
शोणित तर्पण की अमिट कहानियां हैं जिसमें,
क्रांतिकारी देशभक्तों के रक्तिम ज्वाल पर।
है नहीं ये वस्त्र कोई,न है कोई साज सजावट,
शव लिपटकर आये इसमें,कहते हैं उसे अमर शहादत।
बहुमूल्य है तिरंगा हमारा रखना इसे संभाल कर,
मान रखना तिरंगे की,कर्ज़ है ये भारत माँ के लाल पर।
तीन रंग सूचक,बलिदान,सच्चाई और संपन्नता का,
मध्य में अशोक चक्र भान है कर्त्तव्यपरायणता का।
बढ़े चलो हिमाद्रि के तुम वक्ष विशाल पर,
थाम के ध्वजा कूच करो दुश्मनों के पड़ाव पर।
डॉ. रीमा सिन्हा (लखनऊ)