देवताओं में प्रथम आराध्य,
हे विध्नहर्ता, सुखकर्ता सब
विनती तुम्हारी करें गणराय,
लंबोदर, एकदंत, दयावंत,
रिद्धिसिद्धि नवनिधि के दाता,
हम अज्ञानी बुध्दि दो, आनंद
मंगल से यह जीवन गुजरे और
सारी विपत्ति कष्ट तुम हर लो,
विकट परिस्थिति आने न पाये,
सुखमय जीवन का वर दो,
अब तो हमरा जीवन तुम्हारी
भक्ति भाव में गुजरे ऐसी मति,
ऐसी लगन की लौ जगा दो, हर
पल सबका मंगलमय कर दो,
हे श्री गणपति कोटिशः करते
हैं हम सब तुम्हें प्रणाम, नमामि
देव, वंदन, अभिनंदन तुम्हें प्रणाम !
- जयश्री वर्मा (सेनि. शिक्षिका)
इंदौर, मध्यप्रदेश
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