भारत में प्राचीन मान्यता है
पितृपक्ष में यमराज पितरों को अपने
परिजनों से मिलने मुक्त करते हैं
इसलिए धरती पर पूर्वज आए हैं
मान्यता है कि श्राद्ध करने से
घर में सुख शांति पाए हैं
यह समय पुण्य करने का है
समस्याओं का निवारण पाए हैं
पितृपक्ष आए हैं।
पूर्वजों की याद लाए हैं।।
आशीष भरपूर हम पाए हैं।
परिवार वालों की स्मृति संजोए हैं।।
जीवन से मुक्त हुए।
जो शाश्वत क्रम वो हुए।।
जीवन भर प्रेरणा दिए।
हम सबका जीवन संजो दिए।।
आज फिर छाया तुम्हारी।
पूरे परिवार ने महसूस किए हैं।।
कन्याओं को भोजन के रूप में।
तुम्हारे पवित्र मुख में भोज अर्पण किए हैं।।
लेखक- कर विशेषज्ञ पत्रकार साहित्यकार कानूनी लेखक चिंतक कवि एडवोकेट किशन सनमुखदास भावनानी गोंदिया महाराष्ट्र