ज़रा सी ही सही, मगर 'बात' होगी
ख़ामोशियों की भी तहकीकात होगी !!
क्यों आंसुओं से ये बेवक्त का मिलना
कभी तो समय से यहां बरसात होगी !!
उफ्फ कड़ी धूप है, और ये लंबा सफ़र
ठहरेंगे कभी भी कि जब 'वो रात' होगी !!
बीती हुई यादों को संजोके ज़रा रखना
'इंसान' की इंसान को ये सौगात होगी !!
जान लो, हम मुसाफिर हैं एक ही राह के
देर-सबेर ही सही, पर "मुलाक़ात" होगी !!
नमिता गुप्ता "मनसी"
मेरठ , उत्तर प्रदेश