नारी ही संसार है, नारी से परिवार |
नारी गुण की खान है, नारी नेहिल द्वार ||
नारी नेहिल, नारी प्रेमिल, लोरी गाती |
झूले मेरा, सुत है तेरा, ममता पाती ||
प्रेम सिखाती, मार्ग दिखाती, माँ ही प्यारी |
मेरी जननी, मेरी धरिणी, नेहिल नारी ||
ममता मेरी धन्य है, वो है पालनहार |
सारे जग से बोलता,मैया मेरी प्यार ||
मैया मेरी,वाणी तेरी, कितनी प्यारी |
वंदन तेरा, जीवन मेरा,प्रभु सम नारी ||
आदर करना, झोली भरना, प्रभु सम समता |
सारी दुनिया, मेरी खुशियाँ,देती ममता ||
ईश्वर देखो आज तुम, दर्शन नारी रूप |
नारी है नारायणी, जननी दिव्या रूप ||
जननी दिव्या, सुख की सेव्या,शक्ति स्वरूपा |
प्रेम निभाती, प्रेमिल पाती, दिव्य अनूपा ||
खुशियाँ लुटाना , मन हर्षाना , सम जगदीश्वर |
नारी शक्ति, नारी भक्ति,देखो ईश्वर ||
देती जीवन दान है, करे सृष्टि विस्तार |
करुणा करती ये सदा, जीवन देती तार ||
जीवन देती, बलायें लेती, प्यारी नारी |
नव पथ गढ़ती, पग -पग बढ़ती, सब पर भारी ||
मृदुल मंजरी, भाव रंजिनी, दुख भी लेती |
गुण की गगरी, स्नेहिल नगरी,जीवन देती ||
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कवयित्री
कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "
लखनऊ
उत्तरप्रदेश