रक्षाबंधन सिर्फ धागों का त्योहार नहीं
यह है भाई-बहन का प्यार,
राखी पर इतराती बहना
कहती करूंगी अनूठी मनुहार !
राजा भैय्या करेंगे दुलार,
बहना करेगी श्रंगार,
कलाई पर बांधेंगी रेशम की
डोरी और भैय्या को करेगी प्यार !
भैया संग पकवान जो बनेगा
जमकर वो खाऊंगी,
भैया को राखी बांधने जाऊंगी,
सुन-सुन ओ सखी री
भैया को राखी बांधने जाऊंगी,
भैया से रक्षा का वचन ले आऊंगी,
भैया को राखी बांधने जाऊंगी,
भैया संग खुशियां मनाऊंगी,
भैया को राखी बांधने जाऊंगी,
जग में इकलौता है मेरा प्यारा भैया,
लगता जैसे जसोदा का कृष्ण कन्हैया,
सबकी आंखों का तारा मेरा भैया,
जैसे नंद का लाला कन्हैया,
जंगल में पग-पग, खेत खलिहान
सब घूम आऊंगी,
भैया को राखी बांधने जाऊंगी !
(स्वरचित,मौलिक रचना)
-जयश्री वर्मा, ( सेनि. शिक्षिका )
इंदौर, मध्यप्रदेश
मो. 6264366070