सतकर्मो के पुण्य से, बने जगत के मीत ||
बने मसीहा आप है , दूँ आशीष हजार |
सुखद स्वस्थ जीवन रहे,जीयो सौ के पार ||
दुनिया कहती आज है, कर लो योगी याद |
महंत महान आप है, सुनते है फरियाद ||
उत्तर प्रदेश गर्व से, फूल रहा है आज |
धर्म निष्ठ सर्वोपरि, आपसे धन्य समाज ||
माँ सावित्री धन्य हुई, लिया कोख अवतार |
पितु आनंद बिष्ट कहे, योगी है उजियार ||
बचपन अर्जुन नाम से, जाने सकल जहान |
संत शिरोमणि जब बने,किया जगत कल्यान ||
प्रहरी बनकर देश के, करते काम दबंग |
करे ईश की प्रार्थना, धारे भगवा रंग ||
पावन पुण्य सुकर्म से, करते है उपकार |
योगी धरा प्रसाद है, दीनन के है यार ||
द्वेष करे जो हिन्द से ,देते योगी झाड़ |
गुंडा चले न राज है, देंगे सकल बिगाड़ ||
____________________
कवयित्री
कल्पना भदौरिया "स्वप्निल "
लखनऊ
उत्तरप्रदेश